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अंकिता भंडारी को श्रद्धांजलि देते हुए धर्मेंद्र उनियाल ने लिखी एक कविता

पौड़ी गढ़वाल के श्रीकोट की रहने वाली उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी ने 16 अगस्त 2022 को ऋषिकेश स्थित वन्नतरा रिजॉर्ट में नौकरी के लिए ज्वाइन किया था। मगर अंकिता भंडारी रिजल्ट के मालिक व कर्मचारियों के द्वारा हैवानियत का शिकार होने के बाद उसकी हत्या कर दी गई। जिसका खुलासा 23/09/2022 को हुआ इसी के संदर्भ में धर्मेंद्र उनियाल ने अंकिता भंडारी को श्रद्धांजलि देते हुए एक कविता लिखी।

अस्त्र उठाना होगा!
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नारी तुम्हें अस्त्र उठाना होगा
हर महिषासुर निपटाना होगा !

हाथ बढ़े जो तेरे आंचल तक,
आंख उठे जो तेरे काजल तक
बुरे भाव यदि कोई आजमाए
हवस तृष्णा भरी नजर गड़ाए
ऐसा हर रावण मिटाना होगा !

नारी तुम्हें अस्त्र उठाना होगा
हर महिषासुर निपटाना होगा !

अपनी रक्षा स्वंय करो देवी,
ईश्वर ने तुम्हें हर शक्ति दे दी ,
उठो भवानी अवतार धरो तुम
सब दुष्टों का संहार करो तुम ,
अपना शील तुम्हें बचाना होगा !

नारी तुम्हें अस्त्र उठाना होगा
हर महिषासुर निपटाना होगा !

चाहे दुर्योधन की जंघा तोड़ो ,
या दुस्सासन की भुजा मरोड़ो
धर्मयुद्ध के इस महाभारत में
सरल कठिन हर हालत में,
हर कौरव तुम्हें हराना होगा !

नारी तुम्हें अस्त्र उठाना होगा
हर महिषासुर निपटाना होगा !

अहिल्या सी जडवत मत होना,
शिला-पाषाण-पर्वत मत होना,
बुरी नजर का दंश तुम झेलो,
गौतम का अभिशाप भी ले लो
मत कहो राम तुम्हें आना होगा

नारी तुम्हें अस्त्र उठाना होगा
हर महिषासुर निपटाना होगा !

चण्ड मुण्ड यदि घेर ले तुमको
शुम्भ निशुम्भ यदि टेर ले तुमको,
तब मत रहना बाधाओं में सिमित
अपने मन और देह के निमित्त
तब रणचण्डी बन जाना होगा !

नारी तुम्हें अस्त्र उठाना होगा
हर महिषासुर निपटाना होगा !

*धर्मेंद्र उनियाल’धर्मी’*

(बहन अंकिता को श्रद्धांजलि )

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