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वेदपाठी भवन की बगिया के “सुमन” !
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नरेंद्र सिंह नेगी जी के गीत में बालावाला, हर्रावाला, जोगीवाला—-कई दर्जन नाम आए लेकिन एक शख्स ऐसे भी हैं जिनके पास देहरादून जिले के 101नाम हैं वाला प्रत्यय वाले।
386 देहरादून के स्वाधीनता संग्राम सेनानियों के नाम हैं, घण्टाघर का इतिहास है, देहरादून की हर छोटी – बड़ी जानकारी संग्रहित है। इतिहास के विद्यार्थियों के लिए पूरी शोध सामग्री है। “अतीत के आइने में देहरादून” बहुत अच्छा संकलन है।
गीत – संगीत के शौकीन हैं। ग्रामोफोन, रेडियो, हारमोनियम ——-सब है। चालू हालत में है।
हजारों पुस्तकों का पुस्तकालय है। जो जानकारी आपको इतिहास में नहीं मिलेगी वो जानकारी आपको “श्री सुमन देव उनियाल जी” के पास मिलेगी।
अब तक देहरादून के जिलाधिकारी रहे हों, भारत में आए वायसराय हों, टिहरी रियासत के राजा हों——-अपार भंडार।
एलबम में जौली ग्रांट के सैकड़ों स्वर्गवासी सज्जनों का विवरण फोटो सहित लिखा है। सुंदर हस्तलेख सबको आकर्षित करता है। मोती के समान सुंदर अक्षर—।
अविवाहित हैं। 74 वर्षीय हैं। सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। अविवाहित इसलिए नहीं कि प्रेमिका बेवफ़ा निकली हो बल्कि अनजान भावी ससुर के कुतर्कों के कारण जीवन भर अविवाहित रहने का संकल्प निभा रहे हैं।
भतीजों की शादी के दिन बरात में जाने के बजाय अपनी कर्मभूमि विद्यालय में जाकर बच्चों को पढ़ाते रहे। गांव में शादी में जाते हैं न्योता लिखाकर आ जाते हैं। भोजन नहीं करते हैं। तीन भतीजों की शादी हुई लेकिन न्योता नहीं लिया। आपका तर्क है कि बहू लेकर घर आते हैं तो खुशी में दावत देते हैं।
पैसे / न्योता किस बात का।
महिलाओं के साथ होली से परहेज। आज तक मतदान नहीं किया कभी उसके पीछे भी अपने तर्क हैं। और भी बहुत कुछ। पूरा ग्रन्थ लिखा जा सकता है।
संपर्क सूत्र –
श्री सुमन देव उनियाल,
वेदपाठी भवन,
अपर जौली ग्रांट,
देहरादून।