कर्णप्रयाग(अंकित तिवारी): राजकीय महाविद्यालय कर्णप्रयाग में महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर महाविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें महात्मा गांधी के आदर्शों एवं शास्त्री जी की सत्यनिष्ठा पर चर्चा की गई।
मुख्य वक्ता डॉ० वी. आर. अन्थवाल, डॉ० बी० सी० नेगी, डॉ० अखिलेश कुकरेती एवं कीर्तिराम डंगवाल ने छात्रों को महात्मा गांधी के विचारों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि गांधी जी के विचार न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक हैं। शास्त्री जी की ईमानदारी और सत्यनिष्ठा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नैतिकता जीवन में सर्वोपरि है और शास्त्री जी का जीवन इसके अनुपालन का सजीव उदाहरण है।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० वी० एन० खाली ने अपने संबोधन में कहा, “गांधी जी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं। उन्हें समझना, भारत को समझने जैसा है। वहीं शास्त्री जी का कद भले ही छोटा था, लेकिन उनका व्यक्तित्व बेहद विशाल और प्रेरणादायक था।”
गांधी जयंती के उपलक्ष्य में महाविद्यालय में स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया, जो 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चला। इसमें सभी प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और परिसर की सफाई की। इस दौरान स्वच्छता कार्यक्रम के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रभारी डॉ० चन्द्रावती टम्टा ने कहा, “स्वच्छता ही सेवा है और गांधी जी का सपना था कि भारत का हर नागरिक स्वच्छता का पालन करे।”
इसके अतिरिक्त, महाविद्यालय की उद्यमी छात्रा साहिबा को ‘उत्तराखंड देवभूमि उद्यमिता योजना’ के अंतर्गत 75,000 रुपये की राशि प्राप्त होने पर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर साहिबा एवं आरजू द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापकों और प्राचार्य ने उत्पादों की खरीदारी कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।
प्राचार्य प्रो० वी० एन० खाली ने कहा, “साहिबा न केवल महाविद्यालय के छात्रों के लिए, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेंगी। देवभूमि उद्यमिता योजना उत्तराखंड सरकार और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के द्वारा चलाई जा रही है, जो युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित कर रही है।”
कार्यक्रम का संचालन डॉ० आर० सी० भट्ट ने किया। इस अवसर पर हिना नौटियाल, डॉ० एम० एस० कंडारी, डॉ० राधा रावत सहित महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक भी उपस्थित थे।