यमुनोत्री(अंकित तिवारी):भाईदूज के पावन अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट धार्मिक परंपराओं के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। आज तड़के से यमुनोत्री मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, और अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर माता यमुना की भोग मूर्ति को मंदिर के कपाट बंद कर डोली में बैठाकर खरसाली गांव के लिए प्रस्थान कराया गया। इस पवित्र यात्रा में भाई शनिदेव समेश्वर महाराज की अगुवाई में भक्तों ने श्रद्धापूर्वक भाग लिया।
इस धार्मिक अनुष्ठान का साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यमुनोत्री धाम पहुंचे थे, जहाँ उन्होंने माता यमुना की विदाई की इस भव्य यात्रा में सहभागिता की। शीतकाल के दौरान माता यमुना की भोग मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में प्रतिष्ठित रहेंगी, जहाँ भक्तजन कपाट पुनः खुलने तक दर्शन-पूजन कर सकेंगे।
समारोह में विधायक संजय डोभाल, पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, उप जिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी, यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश प्रसाद उनियाल सहित अन्य पदाधिकारी, तीर्थ पुरोहित और स्थानीय ग्रामीण भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस धार्मिक परंपरा में सहभागिता की और इसे यादगार बनाया।
शीतकालीन प्रवास की इस धार्मिक यात्रा ने एक बार फिर यमुनोत्री की अद्भुत सांस्कृतिक परंपरा और श्रद्धालुओं की आस्था को दर्शाया है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है।