उत्तराखंड

“उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हुए, साई सृजन पटल के चौथे अंक का विमोचन”

 

देहरादून:सृजनशीलता और परंपरा का संगम जब एक उद्देश्य के साथ प्रस्तुत होता है, तो वह न केवल समाज को जागरूक करता है, बल्कि क्षेत्रीय गौरव को भी वैश्विक पहचान प्रदान करता है। ऐसा ही एक प्रयास है साई सृजन पटल न्यूज लैटर, जिसका चतुर्थ अंक श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. पी.पी. ध्यानी के कर-कमलों द्वारा विमोचित हुआ। डॉ. ध्यानी ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए इसे उत्तराखंड के सांस्कृतिक, साहित्यिक और कलात्मक विकास में एक महत्वपूर्ण माध्यम बताया है। उन्होंने कहा कि यह न्यूज लैटर न केवल रोचक और ज्ञानवर्धक है, बल्कि यह राज्य की अनमोल विरासत को संरक्षित और प्रस्तुत करने में मील का पत्थर साबित होगा।
न्यूज़ लैटर के संपादक प्रो० (डॉ०) के० एल० तलवाड़ ने बताया कि अगस्त 2024 में इस न्यूज लैटर की यात्रा जिस उत्साह के साथ आरंभ हुई थी, आज उसकी निरंतरता और गुणवत्ता ने इसे एक प्रतिष्ठित मंच बना दिया है।

 

प्रो० तलवाड़ ने बताया कि नवीनतम अंक में उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, कला और परंपराओं को न केवल समेटा गया है, बल्कि उन अनछुए पहलुओं और व्यक्तित्वों को भी सामने लाया गया है, जिन्हें अभी तक यथोचित पहचान नहीं मिली थी। आदि बद्री, पांडुलिपियों के संरक्षण, छोलिया नृत्य, रम्माण, पहाड़ी व्यंजन, सेब की बागवानी और ऐतिहासिक गौचर मेले जैसे विषयों पर सारगर्भित सामग्री इस अंक की विशेषता है।

इस अंक को प्रख्यात योगगुरु बाबा रामदेव के आशीर्वाद और प्रोत्साहन ने विशेष ऊर्जा प्रदान की है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रशंसा प्राप्त चित्रकार अनुराग रमोला, महिला सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित प्रो. मधु थपलियाल और छात्र शिवांश की गायन प्रतिभा को रेखांकित कर, इस मंच ने क्षेत्रीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का सराहनीय कार्य किया है।

साई सृजन पटल न्यूज लैटर केवल एक प्रकाशन नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड की अनकही कहानियों और प्रतिभाओं को एक सशक्त मंच प्रदान करने का प्रयास है। यह पहल उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। निकट भविष्य में, यह पत्रिका उत्तराखंड की पहचान बनकर क्षेत्रीय पत्रकारिता में एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगी।
विमोचन कार्यक्रम में साईं सृजन पटल न्यूज़ लैटर के उप संपादक अंकित तिवारी, हेमंत हुरला मौजूद रहे।

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