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अटल की परिकल्पना का विस्तार: लेखक गाँव में नालंदा पुस्तकालय का उद्घाटन: रजत शर्मा

देहरादून, थानों(अंकित तिवारी):
भारत के पहले लेखक गाँव, थानों में नालंदा पुस्तकालय शोध एवं अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन अटल बिहारी वाजपेयी के 100वें जन्मदिवस के अवसर पर किया गया। अटल व्याख्यान माला कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और इंडिया टीवी के अध्यक्ष रजत शर्मा ने इस मौके पर अटल जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. निशंक द्वारा परिकल्पित यह लेखक गाँव अटल जी के विचारों और उनकी सोच का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

रजत शर्मा ने कहा, “अटल जी में आसमान जैसी ऊंचाई और सागर जैसी गहराई थी। वे केवल कवि नहीं थे, बल्कि कठोर निर्णय लेने वाले एक दृढ़ नेता भी थे। पोखरण में परमाणु परीक्षण और कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को मुँहतोड़ जवाब देना उनके मजबूत नेतृत्व के प्रतीक हैं।”

उन्होंने अटल जी के व्यक्तित्व को बहते हुए पानी और महकते फूल की उपमा देते हुए कहा, “अटल जी का कोई रंग नहीं था, क्योंकि वे सारे रंगों को समेटे हुए थे। वे विरोधियों के लिए भी सम्माननीय थे और देश के लिए एक मार्गदर्शक थे।”

इस अवसर पर रजत शर्मा ने महर्षि वाल्मीकि के संदर्भ में अटल जी की तुलना भगवान राम से करते हुए कहा, “महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में राम को समन्वय का प्रतीक बताया, और मुझे लगता है कि आज अगर वे होते तो अटल जी को भी ऐसे ही मानते।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि अटल जी के दिखाए रास्ते को आज मोदी जी आगे बढ़ा रहे हैं। देश में सड़कों का जाल, नदियों को जोड़ने की योजना, और भारत को महाशक्ति बनाने का सपना अटल जी की ही परिकल्पना थी।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. निशंक ने कहा कि लेखक गाँव की यह परिकल्पना अटल जी के विचारों और उनके साहित्यिक दृष्टिकोण से प्रेरित है। उन्होंने इसे साहित्य और शोध के क्षेत्र में एक मील का पत्थर बताया।

अटल जी की जन्मशताब्दी पर आयोजित इस विशेष आयोजन ने साहित्य, राजनीति और शोध के क्षेत्र में उनके योगदान को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रयास किया। यह आयोजन उनके विचारों और कार्यों को स्मरण करने और उनके सपनों को साकार करने के संकल्प का प्रतीक बना।

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