देहरादून(अंकित तिवारी): स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर लेखक गांव में युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत “स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत” अभियान के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से पहाड़ी पैडलर्स के 100 सदस्यीय साइक्लिंग दल ने महाराणा प्रताप चौक, रायपुर से लेखक गांव तक साइकिल रैली निकाली। लेखक गांव पहुंचने पर साइक्लिंग दल का भव्य स्वागत किया गया।
हेरिटेज फोटो वॉक और योग शिविर का आयोजन
ऋषिकेश फोटोग्राफी क्लब के नेतृत्व में डॉ. लोकेश ओहरी द्वारा लेखक गांव और थानों क्षेत्र में हेरिटेज फोटो वॉक का आयोजन किया गया। इसके अलावा, स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय के योग विभाग के छात्र-छात्राओं ने एक योग शिविर का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों युवाओं और ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
व्याख्यान माला: विरासत और पर्यावरण पर विशेष चर्चा
“विरासत से विकसित भारत” और “समृद्ध विरासत – समृद्ध भारत” विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसमें डॉ. लोकेश ओहरी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, मृदा संरक्षण और जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए युवाओं से इन प्रयासों में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है, और उनकी जागरूकता ही समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. सविता मोहन ने लेखक गांव की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए कहा कि नालंदा पुस्तकालय में 10 लाख पुस्तकों के संकलन का संकल्प लिया गया है। उन्होंने इंटरनेट और सर्च इंजन पर बढ़ती निर्भरता के बीच पुस्तकों के संरक्षण और अध्ययन के महत्व को रेखांकित किया।
पुस्तक विमोचन और प्रतिभागियों की उपस्थिति
इस अवसर पर लेखक गांव के नालंदा पुस्तकालय शोध एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा प्रकाशित पुस्तक “स्वामी विवेकानंद पर्यटन पथ (उत्तराखंड)” का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में पहाड़ी पैडलर्स के संस्थापक गजेंद्र रमोला, हेमवंती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग के प्रमुख डॉ. सर्वेश उनियाल, स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय के कुलपति काशीनाथ जेना, सचिव बालकृष्ण चमोली, डॉ. अंजना विलियम्स, बेचैन कंडियाल, विश्व धीमान, कमलजीत धीमान, हिमानी गुरुंग, राजकुमार तिवारी और डॉ. इंदु नवानी सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम ने युवाओं को पर्यावरण, संस्कृति और साहित्य के प्रति जागरूक करने के साथ ही उन्हें सकारात्मक प्रेरणा दी।