कर्णप्रयाग, चमोली (अंकित तिवारी): देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कर्णप्रयाग के विद्यार्थियों ने कालेश्वर में इंडस्ट्रियल विजिट किया। इस 12 दिवसीय चलायमान कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं ने हार्क (HARC) एवं स्थानीय बेकरी इकाई का भ्रमण किया और उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं को समझा।
इस विजिट के दौरान विद्यार्थियों ने उद्योगों के कार्यप्रणाली, उत्पादन प्रक्रिया, तकनीकी उपकरणों, गुणवत्ता नियंत्रण और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं का अवलोकन किया। छात्रों ने देखा कि एक सफल व्यवसाय की शुरुआत कैसे होती है, उसे लाभकारी कैसे बनाया जाता है और किस तरह नवाचार अपनाकर उद्योग में प्रतिस्पर्धा बनाए रखी जाती है।
उद्योगों के प्रत्यक्ष अनुभव का अवसर
इंडस्ट्रियल विजिट के दौरान विद्यार्थियों ने आधुनिक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग देखा, जिससे उन्हें उद्योग जगत में हो रहे नवीनतम परिवर्तनों की जानकारी मिली। इस प्रकार के भ्रमण छात्रों को शैक्षणिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव के बीच की खाई को पाटने में मदद करते हैं।
विद्यार्थियों ने व्यक्त किए अनुभव
इंडस्ट्रियल विजिट के बाद छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए। एक छात्र ने कहा, “इस भ्रमण से हमें न केवल उद्योगों के संचालन की समझ मिली, बल्कि उद्यमिता के मूलभूत सिद्धांत भी सीखने को मिले। अब हमें अपने करियर और स्टार्टअप के लिए नई प्रेरणा मिली है।”
महाविद्यालय प्रशासन ने इस कार्यक्रम को छात्रों के व्यावसायिक और तकनीकी ज्ञान को मजबूत करने का बेहतरीन प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि छात्र इंडस्ट्री से सीधे जुड़कर अपने कौशल को विकसित कर सकें।
उद्यमिता के क्षेत्र में बढ़ता कदम
इंडस्ट्रियल विजिट न केवल छात्रों के लिए उद्योगों की वास्तविकताओं को समझने का माध्यम है, बल्कि यह उन्हें आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करता है। इस तरह के अनुभव छात्रों को भविष्य के सक्षम उद्यमी और व्यावसायिक पेशेवर बनने में सहायक सिद्ध होंगे।