उत्तरकाशी/ऋषिकेश(अंकित तिवारी)। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और पर्वतीय चिकित्सा (माउंटेन मेडिसिन) पर व्यापक चर्चा के लिए देशभर के चिकित्सा विशेषज्ञ 17 मार्च को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) उत्तरकाशी में जुटेंगे। एम्स ऋषिकेश और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में हाइपोक्सिया (ऑक्सीजन की कमी से उत्पन्न शारीरिक समस्याएं) और पर्वतीय चिकित्सा से जुड़े पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।
हाइपोक्सिया और पर्वतीय चिकित्सा पर मंथन
हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोग, तीर्थयात्री, पर्वतारोही और सैन्य कर्मी अक्सर ऑक्सीजन की कमी से उत्पन्न बीमारियों का सामना करते हैं। हाइपोक्सिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन जटिलताओं के समाधान तलाशने के लिए एम्स ऋषिकेश के शरीर क्रिया विज्ञान विभाग और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी द्वारा इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
देशभर के चिकित्सा विशेषज्ञ करेंगे शोध-अध्ययन प्रस्तुत
एम्स ऋषिकेश के शरीर क्रिया विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. लतिका मोहन ने बताया कि 17 और 18 मार्च को आयोजित इस सम्मेलन में देशभर के चिकित्सा विशेषज्ञ, शोधकर्ता और पर्वतीय चिकित्सा से जुड़े विशेषज्ञ अपने शोध-अध्ययन प्रस्तुत करेंगे। इस दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, पर्यटकों और सैन्य कर्मियों के स्वास्थ्य पर विस्तृत चर्चा होगी, ताकि इन समस्याओं से निपटने के लिए प्रभावी समाधान खोजे जा सकें।
इंडियन सोसाइटी ऑफ हाइपोक्सिया एंड माउंटेन मेडिसिन की महत्वपूर्ण भूमिका
इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन इंडियन सोसाइटी ऑफ हाइपोक्सिया एंड माउंटेन मेडिसिन (ISHHM) और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के प्राचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया इस आयोजन में विशेष मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
पर्यावरण और पर्वतीय चिकित्सा पर विशेष पैनल चर्चा
सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल एक विशेष पैनल चर्चा का संचालन करेंगे। इस चर्चा में जलवायु परिवर्तन, मानवीय गतिविधियों में आए हालिया बदलाव और हिमालयी क्षेत्रों के संरक्षण के उपायों पर विचार किया जाएगा।
सम्मेलन से निकलेंगे महत्वपूर्ण निष्कर्ष
यह सम्मेलन पर्वतीय चिकित्सा और हाइपोक्सिया से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर राष्ट्रीय स्तर पर मंथन का एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा। विशेषज्ञों की गहन चर्चा से पर्वतीय चिकित्सा के क्षेत्र में नए शोध और उपचार पद्धतियों के विकास में सहायता मिलेगी। साथ ही, हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, तीर्थयात्रियों और पर्वतारोहियों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए ठोस रणनीतियां तैयार की जाएंगी।