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कर्णप्रयाग में संपन्न हुई रेडक्रॉस कार्यशाला, आपदा प्रबंधन और मानव सेवा के लिए दिया गया प्रशिक्षण

चमोली जनपद के सभी महाविद्यालयों के नोडल अधिकारियों ने लिया सहभाग, एवरेस्ट विजेता मनीष कसमियाल ने दिया सीपीआर प्रशिक्षण

कर्णप्रयाग/चमोली(अंकित तिवारी)। डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग में मंगलवार को रेडक्रॉस सोसाइटी उत्तराखंड की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य चमोली जनपद के समस्त महाविद्यालयों के रेडक्रॉस नोडल अधिकारियों को आपदा प्रबंधन, सीपीआर प्रशिक्षण, और रेडक्रॉस पंजीकरण से संबंधित तकनीकी जानकारी देना था।

कार्यशाला में रेडक्रॉस सोसाइटी के मास्टर ट्रेनर एवं एवरेस्ट विजेता मनीष कसमियाल और मुंशी चौम्वाल ने प्रतिभागियों को सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation), प्राथमिक चिकित्सा, एवं रेडक्रॉस की कार्यप्रणाली से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में सही प्रशिक्षण और त्वरित प्रतिक्रिया जीवन बचा सकती है।

कार्यक्रम में चमोली रेडक्रॉस समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश डोभाल और सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने भी सहभाग किया। अध्यक्ष डोभाल ने कहा कि चमोली जनपद आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसे में रेडक्रॉस की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने आगामी यात्रा और फायर सीजन को देखते हुए 24 घंटे सतर्क रहने की आवश्यकता जताई।

जनपद चमोली उच्च शिक्षा के नोडल अधिकारी एवं प्राचार्य डॉ. वी.एन. खाली ने कहा, “रेडक्रॉस सेवा का मूल मंत्र है – मानवता की सेवा, और यही हमें अपने विद्यार्थियों को सिखाना चाहिए।” उन्होंने इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को महाविद्यालय स्तर पर निरंतर आयोजित किए जाने पर बल दिया।

कार्यशाला में कर्णप्रयाग, गोपेश्वर, विधि कॉलेज गोपेश्वर, तलवाड़ी, नंदासैंण, नागनाथ पोखरी, जोशीमठ, नंदानगर, नारायणबगड़ सहित विभिन्न महाविद्यालयों के रेडक्रॉस नोडल अधिकारी एवं छात्र-छात्राओं ने सहभाग किया।

इस अवसर पर डॉ. मदन शर्मा, डॉ. कमल किशोर द्विवेदी, डॉ. हरीश बहुगुणा सहित कई प्राध्यापक उपस्थित रहे। कार्यशाला का कुशल संचालन कर्णप्रयाग महाविद्यालय के नोडल अधिकारी डॉ. कीर्तिराम डंगवाल द्वारा किया गया।

यह कार्यशाला आपदा प्रबंधन, मानवीय सहायता, और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को सशक्त और जागरूक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास सिद्ध हुई।

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