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एम्स ऋषिकेश के नेत्र शिविर में नेत्रदान के लिए किया गया जागरूक

194 मरीजों की जांच, 102 को चश्मे: स्वर्गाश्रम में एम्स ऋषिकेश का सफल नेत्र शिविर

ऋषिकेश(अंकित तिवारी):  स्वर्गाश्रम ट्रस्ट में आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश के नेत्र रोग विभाग के सहयोग से एक विशाल नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में बड़ी संख्या में मरीजों की नेत्र जांच की गई, उन्हें उपचार संबंधी परामर्श दिया गया और जरूरतमंदों को निःशुल्क चश्मे वितरित किए गए। शिविर का मुख्य आकर्षण नेत्रदान के महत्व पर केंद्रित जागरूकता अभियान रहा, जिसमें लोगों को इस महान दान के लिए प्रेरित किया गया।

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित इस शिविर का संचालन संस्थान के नेत्र रोग विभाग द्वारा स्वर्गाश्रम ट्रस्ट के मुख्य गद्दी परिसर में किया गया। नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) संजीव कुमार मित्तल की देखरेख में नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने 194 मरीजों की गहन नेत्र जांच की और उन्हें अपनी आंखों की देखभाल के लिए आवश्यक सलाह दी।

शिविर में मानवता की सेवा करते हुए, एच.आर. भट्ट ऑप्टिकल, देहरादून ने 102 जरूरतमंद रोगियों को मुफ्त चश्मे प्रदान किए। इसके अतिरिक्त, एम्स ऋषिकेश ने भी 160 सुरक्षा चश्मे वितरित किए, जिनमें से 50 चश्मे पुलिस थाना लक्ष्मण झूला के कर्मचारियों को और 30-30 चश्मे गीता भवन तथा काली कमली आश्रम के कर्मचारियों को सौंपे गए।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, एम्स के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने नेत्रदान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने नेत्रदान से जुड़ी सामाजिक भ्रांतियों को दूर किया और बताया कि मृत्यु के पश्चात किया जाने वाला यह दान वास्तव में सबसे बड़ा दान है। उन्होंने नेत्रदान को ‘महादान’ की संज्ञा देते हुए कहा कि एक व्यक्ति के नेत्रदान के संकल्प से दो नेत्रहीन व्यक्तियों के जीवन में हमेशा के लिए रोशनी आ सकती है और वे ईश्वर की इस रंगीन दुनिया को देख सकते हैं।

शिविर में एम्स के नेत्र विभाग के डॉ. शाश्वत शेखर, डॉ. कीर्ति नारंग, डॉ. अनिरुद्ध शर्मा और डॉ. रमन ने मरीजों की विस्तृत जांच की और उन्हें चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया। इस दौरान 32 मोतियाबिंद, 17 काला मोतियाबिंद, 7 नखुना और 3 भेंगापन के मरीजों की पहचान की गई। इसके अतिरिक्त, 100 लोगों को चश्मे के नंबर भी बताए गए। शिविर में चिन्हित किए गए 10 सफेद मोतियाबिंद के रोगियों का ऑपरेशन एम्स ऋषिकेश में किया जाएगा। शिविर के सफल आयोजन में विभाग के तकनीशियन चेतन शर्मा, ज्योती कुमावत और नर्सिंग ऑफिसर पूजा उनियाल ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। शिविर में आए रोगियों की रक्त शर्करा और रक्तचाप की भी जांच की गई।

ऋषिकेश आई बैंक, एम्स के प्रबंधक एसएनओ महिपाल चौहान और काउंसलर आलोक सिंह ने शिविर में उपस्थित लोगों को नेत्रदान का संकल्प दिलाया और उन्हें इसके लिए प्रेरित किया। इस जागरूकता अभियान का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला, जब 32 लोगों ने शिविर में ही नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा।

इस अवसर पर स्वर्गाश्रम ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक कर्नल विनय किशन कांत श्रीवास्तव, जयेश कुमार झा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस पहल की सराहना की। यह शिविर एम्स ऋषिकेश और स्वर्गाश्रम ट्रस्ट के संयुक्त प्रयासों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने और समाज में जागरूकता फैलाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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