ऋषिकेश(अंकित तिवारी):। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की ब्रोंकोस्कोपी प्रयोगशाला में चिकित्सकों ने सफल ऑपरेशन कर एक सात वर्षीय बच्चे के फेफड़े में फंसे पेंच को निकालकर उसे जीवनदान दिया। बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है।
पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की आचार्य डॉ. रुचि दुआ ने बताया कि संस्थान के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. व्यास कुमार राठौड़ के पास भरत नगर, रुड़की निवासी रेहान नामक बच्चा इलाज के लिए लाया गया।उसके परिजनों ने बताया कि रेहान को पिछले 15 दिनों से उल्टी और खांसी की शिकायत थी, जिसका निदान कराने वे एम्स ऋषिकेश आए है।बालरोग विशेषज्ञ डॉ. व्यास कुमार राठौड़ के मुताबिक बच्चे की कुछ प्रारंभिक जांचें कराई गईं, प्रारंभिक जांचों में बच्चे के छाती के एक्स-रे और सीटी स्कैन में फेफड़े में एक धातु का पेंच फंसा हुआ दिखाई दिया। पूछताछ करने पर परिजनों को ज्ञात हुआ कि खेल-खेल में रेहान ने पेंच निगल लिया था, लेकिन उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी।
संयुक्त चिकित्सकीय दल ने किया सफल इलाज
बालरोग विभाग से सूचना मिलने के बाद पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की विशेषज्ञ आचार्य डॉ. रुचि दुआ के नेतृत्व में डॉ. प्रखर शर्मा, डॉ. दीपांश गुप्ता, डॉ. ऋत्विक सिंगला, डॉ. अश्वथी साबू, के अलावा बाल रोग विभाग के विशेषज्ञ डॉ. व्यास कुमार राठौड़, डॉ. मान सिंह, डॉ. श्रीजन, एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका गुप्ता, डॉ. रीना , डॉ. अजहर, बाल शल्य चिकित्सा विभाग की विशेषज्ञ डॉ. शौर्या व रेडियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. राहुल देव की देखरेख में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की ब्रोकोस्कोपी प्रयोगशाला में Flexible Bronchoscopy के माध्यम से बच्चे के फेफड़े से सफलतापूर्वक पेंच को निकाल लिया गया । अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ एवं सुरक्षित है ।
विशेषज्ञों की राय
पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. गिरीश सिंधवानी के अनुसार विभाग में इससे पूर्व भी विभाग द्वारा कई जटिल मामलों का संयुक्त चिकित्सकीय दल के साथ सफलतापूर्वक निस्तारण कर मरीजों को राहत प्रदान की जा चुकी है। विभाग की ब्रोंकोस्कोपी प्रयोगशाला में मरीजों के फेफड़ों में फंसे बल्ब के फिलामेंट एवं पिनट्स के टुकड़े के साथ-साथ अन्य वस्तुओं को भी ब्रोंकोस्कोपी के माध्यम से निकाल कर मरीजों को स्वास्थ्य लाभ दिया गया है ।
क्या कहती हैं एम्स निदेशक
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने बताया कि एम्स,ऋषिकेश में मरीजों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। संस्थान का प्रयास है कि किसी भी जटिल स्वास्थ्य संबंधी मामले के लिए मरीजों को अन्य राज्यों के स्वास्थ्य संस्थानों में नहीं जाना पड़े, इसके लिए जरुरी स्वास्थ्य सुविधाएं सततरूप से उपलब्ध कराई जा रही हैं। निदेशक के मुताबिक हमारे संस्थान में विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को अपनी निगरानी में रखने की अपील भी की है, जिससे इस प्रकार की घटनाओं खासकर अबोध बच्चों द्वारा इस तरह की वस्तुएं निगलने की अप्रिय घटनाओं की रोकथाम हो सके।