थानो : गत सप्ताह राजधानी देहरादून के विकासखंड रायपुर की ग्राम पंचायत नाहीं की खुली बैठक में *सड़क नहीं तो वोट नहीं* का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। *ग्राम पंचायत नाहीं के ग्राम प्रधान श्री देवेंद्र तिवाड़ी* ने बताया कि लंबे समय से सरकारों द्वारा ग्रामीणों को सड़क का आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन धरातल पर कोई प्रगति अब तक नहीं हुई है।
श्री देवेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि सड़क सुविधा न होने के कारण गांव से लगातार पलायन हो रहा है जो कि बहुत चिंता की बात है। श्री तिवाड़ी ने बताया कि ग्राम पंचायत नाहीं का *रैठवान गांव* लगभग एक दशक पहले वीरान हो गया है; वहां अब कोई आबादी नहीं है। इसी प्रकार *सतेली गांव में भी मात्र एक परिवार आज की तिथि में निवास कर रहा है।* ग्राम प्रधान जी ने बताया कि *बड़कोट गांव में भी मात्र एक परिवार रह गया है।* यही स्थिति *कोटला, छोटी नाहीं और नाहीं ग्रामों की भी* जहां से लगातार पलायन हो रहा है।
श्री तिवाड़ी ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि आज दुनिया चांद पर पहुंच गई है और राजधानी के इन पहाड़ी गांवों के लोग आज भी पीठ और सिर पर बोझा ढोने को मजबूर हैं। सड़क के अभाव में हर साल दर्जनों परिवार पलायन कर रहे हैं। राज्य सरकार से बार-बार कोरे आश्वासन ही मिल रहे हैं; जिस कारण कि ग्रामीणों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। दु:ख – दर्द के क्षणों में इन गांवों से बाजार तक *मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए कुर्सी व चारपाई का सहारा लेना पड़ता है*।
श्री तिवाड़ी ने बताया कि सिंधवाल गांव पुल से कोटला – नाहीं लगभग 6 किलोमीटर मोटर मार्ग के निर्माण की मांग ग्रामीणों द्वारा लंबे समय से की जा रही है लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। गत सप्ताह ग्राम पंचायत नाहीं की खुली बैठक में ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए *लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान न करने का निर्णय* लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें सड़क मार्ग की सुविधा प्रदान नहीं की जाती है तब तक वह आगामी किसी भी प्रकार के चुनाव में भाग नहीं लेंगे। राजधानी से ग्राम पंचायत नाहीं मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और सड़क सुविधा का न होना बहुत चिंतनीय है। ग्रामीणों द्वारा लिए गए इस कठोर निर्णय की प्रतिक्रिया का सभी को इंतजार है।