उत्तराखंडयूथशिक्षासामाजिक

दीपावली का त्योहार बेसहारा लोगों के साथ मनाता हूं :डॉ० त्रिलोक सोनी


माता पिता के दीपावली का हिस्सा बेसहारा लोगो में बांटकर मनाता हूँ: डॉ सोनी
देहरादून: गरीबी व ग्रामीण परिवेश में जिसका जीवन बिता हो उसके बार त्योहार मनाने के तरीके भी अलग होते हैं हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड में वृक्षमित्र के नाम से मशहूर डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी की जिन्होंने अपनी दीपावली खुले आसमान के नीचे अपने रातो को बिताने वाले व कूड़ा बीनने, भीख मांग कर अपना जीवन चलाने वालो के साथ मनाया। डॉ सोनी ने आईएसबीटी फ्लाईओवर के नीचे रहरहे परिवारों को खील, बतासे व फल देकर दीपावली त्योहार मनाया।
पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं यह जीवन प्रकृति ने मानव सेवा के लिए इस पृथ्वी में भेजा है उसी के तहत में यह कार्य करता हूँ मेरे माता पिता इस धरा में हमें छोड़कर इस प्रकृत में बिलीन हो गये है उन जन्मदाता की हिस्से की जो में उन्हें दीपावली पर देता था उसे मैं उन बेसहारा व निराशीतो को देता हूं जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत नाजुक होती हैं ताकि मेरे माता स्व कुंती देवी पिता स्व मोहन राम की आत्मा को शांति मिल सके इस लिए मैं अपनी दीपावली व बार त्योहार को कभी वृद्धाआश्रम कभी गावँ के गरीब परिवारों व इस बार कूड़ा बीनने, भीख मांगने वालों के साथ मनाई इस प्रकार के कार्य से मुझे बहुत सकून मिलता हैं इसलिए में ये कार्य करता हूं।
राजरानी ने कहा हमें बहुत खुशी हुई वृक्षमित्र डॉ सोनी हमारे बीच आये और खील, बतासे व फल देकर उन्होंने हमारे साथ दीपावली का त्योहार मनाया जहाँ लोग हमारे साथ खड़ा नही होना चाहते है वही आज समाज में डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी जैसे लोग भी हैं जिन्होंने हमारे साथ दीपावली का पर्व मनाया। कार्यक्रम में कल्लू, उमेशा, लोछिमा, गीता, ततीया, शांती, बसंती आदि थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button